समय पर नहीं पहुंची एम्बुलैंस, गर्भवती महिला ने तोड़ा दम

punjabkesari.in Friday, Sep 01, 2017 - 01:26 AM (IST)

नेरवा: नेरवा अस्पताल से शिमला ले जाते समय एक गर्भवती महिला की रास्ते में मौत हो गई। जानकारी के अनुसार महिला पूनम (24) पत्नी सुरेश गांव छाछड़, डाकघर थरोच 8 माह से गर्भवती थी। बुधवार को उसकी तबीयत बिगडऩे पर उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर आए। नेरवा में जब उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ तो उसे शिमला रैफर कर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने उसे शिमला ले जाने हेतु 108 को एम्बुलैंस को सूचित किया परन्तु जब काफी समय तक एम्बुलैंस नहीं आई तो उसे एक निजी जीप में शिमला ले जाने की व्यवस्था की गई। इस दौरान चौपाल से 6 किलोमीटर आगे रियूणी पहुंचने पर एम्बुलैंस भी पंहुच गई व महिला को उसमे शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई परन्तु तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। परिजन उसे उसी गाड़ी में वापस चौपाल अस्पताल लेकर आए, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। 

...तो बच सकती थी महिला की जान
उल्लेखनीय है कि उपमंडल चौपाल में स्वास्थ्य संस्थानों के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। संस्थानों में न तो पूरा स्टाफ है, न कोई विशेषज्ञ चिकित्सक और न ही अन्य आवश्यक सुविधाएं हैं। लोग चिकित्स्कों व अन्य स्टाफ के रिक्त पदों को भरने व अन्य सुविधाएं जुटाने को लेकर सरकार से मांग करते करते थक चुके हैं परन्तु सरकार का लोगों के स्वास्थ्य से मानो कोई लेना-देना नहीं है। यानी उपमंडल की जनता की सेहत राम भरोसे ही है। नेरवा अस्पताल में अगर गाइनी विशेषज्ञ व अन्य सुविधाएं होती तो शायद इस मासूम महिला व उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान बच जाती। 

रास्ते से ही सेवाएं देने की कही गई थी बात
इस विषय में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी चौपाल डा. मयंक शर्मा ने बताया कि महिला की मौत शिमला ले जाते रास्ते में हुई थी व नजदीकी अस्पताल होने के चलते परिजन उसे चौपाल अस्पताल लाए थे, जहां उसे जांच के बाद मृत घोषित कर दिया गया। इस विषय में 108 एम्बुलैंस को संचालित करने वाली कंपनी के मंडलीय प्रबंधक आकाश ने बताया कि महिला के परिजनों का फोन आया था व उन्हें कहा गया था कि वापसी में रास्ते से ही उन्हें सेवाएं दे दी जाएगी।


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