आषाढ़ शुक्ल पक्ष के नवरात्रे शुरू, ज्वालामुखी मंदिर में आस्था का उमड़ रहा सैलाब

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 09:24 AM (IST)

कांगड़ा (पंकज): विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष के नवरात्रे शुरू हो गए हैं। नवरात्रों को लेकर मंदिर में सैलाब उमड़ने लगा है। इन नवरात्रों में माता ज्वाला की विशेष पूजा की जाती है। इन नवरात्रों में हर साल की भांति इस बार भी विश्व कल्याण के लिए अनुष्ठान किया जा रहा है। इसका शुभारंभ एसडीएम राकेश शर्मा ने विधिवत पूजा अर्चना करके किया। इस अनुष्ठान में दुर्गा सप्तशती के पथ, बटुक का जप, गणपति का जन, गायत्री का जप और मां ज्वाला के मूल मन्त्र का जप दिया जाता है और यह अनुष्ठान आठ दिन चलता हे और नवमी वाले दिन इस अनुष्ठान का हवन भी किया जाता है और पूर्ण आहुति भी डाली जाती है। 


गुप्त नवरात्रों में ज्वाला मां का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है
मंदिर अधिकारी अशोक पठानिया ने बताया कि मंदिर में गुप्त नवरात्र के दौरान यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के मद्देनजर व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इन आषाढ़ शुक्ल पक्ष के गुप्त नवरात्रों में ज्वाला मां का प्रकटोत्सव भी बढ़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह नवरात्रे अष्टमी की रात को 12 बजे मां ज्वाला की पूजा अर्चना करके मनाता जाता है। जिसमें 51 पुजारी और ब्राह्मण को विश्व कल्याण के लिए धार्मिक अनुष्ठान दिया जाता है। इन गुप्त नवरात्रों में मंदिर प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी पुख्ता प्रबंध किए हुए हैं जिससे किसी भी बाहर से आने वाले श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े। इन नवरात्रों में जो भी श्रद्धालु मां ज्वाला के द्वार पर आता है वो मनवांछित फल प्राप्त करता है।  


गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
मान्यतानुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। घटस्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करना चाहिए।


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