4 महीने में 9540 लोगों ने किए ऐतिहासिक कामरू किला सांगला के दर्शन

punjabkesari.in Wednesday, Nov 01, 2017 - 09:35 AM (IST)

आनी: हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक एवं साहित्यिक हिम संस्कृति संस्था द्वारा जिला किन्नौर के ऐतिहासिक गांव व देवस्थलों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। हिम संस्कृति संस्था के टीम प्रभारी प्रिंसीपल एवं लेखक कंवर चौहान ने बताया कि किन्नौर जिला के सांगला के गांव कामरू में सदियों पुराना कामरू किला मौजूद है जिसे देखने देश-दुनिया के धार्मिक पर्यटक अधिक संख्या में आते हैं। ऐतिहासिक कामरू किला में 4 महीनों में 9540 पर्यटक दौरा कर चुके हैं जिन्होंने अपना नाम, पता, कामरू किले के बारे में अपनी-अपनी टिप्पणी व सुझाव लिखे हैं। इस कामरू किले में प्राचीन देवी माता कामाक्षा का मंदिर भी मौजूद है। 
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इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर तैनात किए गए होमगार्ड
इस मंदिर व प्राचीन किले के प्रवेश द्वार पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इस किले व माता मंदिर के दर्शन करने के लिए प्रवेश द्वार पर कमर पर एक कपड़ा व देवता की विशेष डोरी पहनाई जाती है जिसे पहाड़ी भाषा में गाची कहा जाता है। इसके साथ सिर पर टोपी व कमर में गाची पहनना बहुत ही जरूरी होता है। उसके बाद माता कामाक्षा के दर्शन कर सकते हैं और प्राचीन कामरू किले को भी निहार सकते हैं। कामरू किला लकड़ी व पत्थर से बनाया गया है। यह किला बहुत पुराना होने के कारण एक तरफ से ढह चुका है। आम जनता को इस कामरू किले के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है क्योंकि देवी-देवताओं की परंपरा से जुड़ा मामला बताया जाता है। 
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यह ऐतिहासिक किला दिख रहा खस्ताहाल
गांव कामरू की 100 साल की समाजसेवी महिला ज्ञानपति ने बताया कि इस कामरू किले में हिमाचल प्रदेश की बुशहर आदि रियासतों के 111 राजाओं का राजतिलक किया जा चुका है परंतु अब यह ऐतिहासिक किला खस्ताहाल दिख रहा है जिसका जीर्णोद्धार करना बहुत ही जरूरी है। गांव के जगत सिंह नेगी, मित्रविंदरा, पुजारी हजारा सिंह व ईश्वर पाल आदि ने बताया कि कामरू किले और देवी माता कामाक्षा के दर्शन व आशीर्वाद लेने हर साल सैंकड़ों लोग आते हैं। हिम संस्कृति संस्था ने 100 साल की आयु पूरी कर चुकी समाजसेवी महिला ज्ञानपति को हिम संस्कृति पुरस्कार देकर सम्मानित किया। 


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