35 साल पुरानी जंग लगी राइफलों के सहारे इस जेल की सुरक्षा, 250 कैदी हैं बंद

punjabkesari.in Tuesday, Dec 12, 2017 - 12:44 PM (IST)

धर्मशाला: भले ही प्रदेश पुलिस सुरक्षा के नाम पर आधुनिक हथियारों की खरीद के लिए लाखों रुपए का बजट खर्च कर रही है, लेकिन अभी तक संगीन अपराध को अंजाम देने वाले जेलों में बंद कैदियों की सुरक्षा के लिए तैनात जवानों के हाथों में पुराने जंग खाए हथियार ही नजर आते हैं। कुछ ऐसे ही हालात जिला कारागार धर्मशाला के भी हैं, जहां कैदियों की सुरक्षा करीब 35 वर्ष पुरानी मस्कट राइफल से की जाती है। यानी जरूरत पड़ने पर जवान को राइफल में एक-एक गोली डालनी पड़ेगी। अब ऐसे में जेल की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गया है। इसे लेकर जेल अधिकारियों ने अपने मुख्यालय को भी लिखा है, लेकिन आज दिन तक नए हथियार मिलना तो दूर, पुराने की संख्या भी नहीं बढ़ाई गई है। जिला कारागार धर्मशाला की बात करें तो धर्मशाला जेल में विभिन्न आपराधिक मामलों में 250 कैदी बंद हैं। सोचने वाली बात है कि यदि जेल में बंद कैदी जेल से भगाने की कोशिश करता है तो उसे पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।  


जेल वार्डरों पर मानसिक दबाव
वर्तमान समय में जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला की बात करें तो हाल ही में कंडा जेल से अपराधियों द्वारा जेल की सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर भागने के मामले को लेकर जेल में हर सुरक्षा कर्मचारी पर मानसिक दबाव बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि जिला कारागार में कैदियों की सुरक्षा के लिए लगभग 61 सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए गए हैं। हालांकि सुरक्षा कर्मचारियों की कुछ पोस्टें खाली भी चल रही हैं। भगवान न करे कि यदि जेल में सुरक्षा कर्मचारियों को जरूरत पडऩे पर गोली चलानी पड़ जाए तो राइफल में एक-एक गोली डालनी पड़ेगी। 


50 से अधिक अपराधी काट रहे उम्रकैद की सजा 
जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला की बात करें तो इसमें लगभग 265 के करीब कैदियों को रखने की क्षमता है। इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में जिला कारागार धर्मशाला में विभिन्न आपराधिक मामलों में 250 कैदी बंद हैं। वहीं कारागार में बंद अपराधियों में से 10 महिला कैदी भी शामिल हैं। इसके अलावा जेल में मौजूदा समय में लगभग 50 से अधिक अपराधी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। 

 


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