तस्वीरों में देखिए, 16 घंटे बाद मौत को मात देकर JCB चालक ने जीती जिंदगी की जंग

punjabkesari.in Tuesday, Aug 15, 2017 - 10:02 AM (IST)

सोलन/सुंदरनगर (नितेश/चिनमय): जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। यह बात जेसीबी चालक ने साबित कर दिखाई है। करीब 16 घंटे तक विशालकाय चट्टान के नीचे दबी जेसीबी में सन्नी फंसा रहा, लेकिन हिम्मत की बदौलत जिंदगी की जंग जीतने में कामयाब हो गया है। एक तरफ जहां जन्माष्टमी के पावन अवसर पर समूचे प्रदेश में घरों और मंदिरो में रात 12 बजे तक भक्ति का रंग था, ठीक उसी दौरान सन्नी को भी नया जीवनदान मिल गया। रेस्क्यू के बाद सन्नी पुत्र रूप लाल निवासी बरतो सुंदरनगर को उपचार के लिए शिमला के जाया गया है। वही 16 घंटे बाद मौत को हराकर सन्नी ने नया जीवनदान ले लिया। जिंदगी जीने का हौंसला हो तो मौत को भी मात दी जा सकती है। करीब 9 बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई थी। हालांकि अंबुजा सीमेंट से जो क्रेन मंगवाई गई थी उससे 100 टन वजन उठाया जा सकता है लेकिन इससे भी विशालकाय चट्टान टस से मस नहीं हुई।
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रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी परेशानी का करना पडा सामना 
रात होने के बाद सन्नी मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत कर रहा था, लेकिन पानी पीने से इंकार कर रहा था। उसकी एक बाजू काम नहीं कर रही है। करीब पौने 11 बजे एनडीआरएफ की टीम सन्नी तक पहुंचने में सफल हो गई थी, लेकिन बाजू व टांग फंसी होने के कारण समय लग गया। लगभग साढ़े 10 बजे के आसपास बारिश शुरू होने की वजह से रेस्क्यू बाधित हुआ, लेकिन दोनों तरफ से हौंसले बुलंद थे। साढ़े 11 बजे के करीब सन्नी की टांग को निकाल लिया गया था, इसके बाद पत्थर के नीचे से बाजू को निकालने का प्रयास शुरू हुआ। रात एक बजे के आसपास सन्नी को ऑक्सीजन भी देनी शुरू कर दी गई। मौके पर जुटी भीड़ से रेस्क्यू ऑपरेशन में खासी परेशानी का सामना पुलिस को करना पडा, लिहाजा हल्के बल का इस्तेमाल भी किया गया। आखिर में सोमवार सुबह 6 बजे सन्नी को सकुशल निकाला गया। इसके बाद उसे सीधे ही आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया, मौक़े पर चिकित्सक व एम्बुलेंस को तैनात किया गया था। सुंदरनगर से पिता सहित परिवार के कई अन्य सदस्य भी रात भर घटनास्थल पर बेटे की सकुशलता की कामना करते रहे।
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मौके पर उमड़ा लोगों का हजूम
सैकड़ों लोग सन्नी की सलामती को लेकर दुआएं मांगने में लगे हुए थे। सनद रहे कि करीब 3:00 बजे के आसपास एक विशालकाय चट्टान जेसीबी के ऊपर आ गिरी थी, उस समय सन्नी दाड़लाघाट में अंबुजा रोड पर मकान के निर्माण के लिए खुदाई में लगा हुआ था। सन्नी के भाई राजू ने पंजाब केसरी को को बताया कि मौके पर पहुंचते ही एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू करने में लग गई थी, लेकिन टीम को भी सन्नी को निकालने में समय लग गया। बहरहाल सन्नी ने जिंदगी की जंग को जीत लिया है।


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